
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्पष्ट किया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच मई 2025 में हुए संघर्ष विराम की प्रक्रिया पूरी तरह द्विपक्षीय थी और इसमें किसी भी तीसरे देश — खासतौर पर अमेरिका — की कोई भूमिका नहीं थी।
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नीदरलैंड्स के प्रमुख ब्रॉडकास्टर NOS को दिए इंटरव्यू में जयशंकर ने कहा:
“जब दो देश संघर्ष में होते हैं, तो बाकी देश चिंताओं के साथ कॉल करते हैं, लेकिन गोलीबारी बंद करने का फैसला भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत से हुआ।”
संघर्ष विराम की शुरुआत: पाकिस्तानी सेना ने की पहल
जयशंकर के मुताबिक़, संघर्ष विराम की पहल 10 मई को पाकिस्तानी सेना द्वारा की गई थी। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की ओर से भारतीय सेना के साथ संपर्क स्थापित कर शांति प्रस्ताव रखा गया।
“हमने अमेरिका सहित सभी देशों से साफ कर दिया था कि अगर पाकिस्तान लड़ाई बंद करना चाहता है, तो उन्हें हमारे जनरल से संपर्क करना होगा — और यही हुआ।”
अमेरिका के दावे पर भारत की दो टूक
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में दावा किया था कि भारत और पाकिस्तान के बीच “युद्ध विराम” कराने में अमेरिका ने अहम भूमिका निभाई। इस पर जयशंकर ने जवाब दिया:
“हमने स्पष्ट कर दिया था कि कोई भी मध्यस्थता तब तक मान्य नहीं होगी जब तक पाकिस्तान सीधे संपर्क नहीं करता। युद्धविराम की शर्तें हमने तय कीं, न कि किसी तीसरे देश ने।”
विदेश दौरे पर भारत की छवि
विदेश मंत्री एस जयशंकर फिलहाल डेनमार्क के दौरे पर हैं और उन्होंने इसी दौरान NOS को यह इंटरव्यू दिया। भारत की विदेश नीति में इस प्रकार की पारदर्शिता और रणनीतिक स्पष्टता को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सराहा जा रहा है।
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